सीकर। सीकर मास्टर प्लान (प्रारूप) 2041 को रद्द करो आन्दोलन की द्वितीय मासिक समीक्षा मीटिंग जिला कलेक्ट्रेट, सीकर स्थित सांसद कार्यालय में शनिवार को अखिल भारतीय किसान सभा के प्रदेश अध्यक्ष पूर्व विधायक पेमाराम की अध्यक्षता में सम्पन्न हुई।
समीक्षा मीटिंग में मास्टर प्लान 2041 से प्रभावित गांवों व सीकर शहर में 5 जुलाई से चलाए गए जनजागरण अभियान, 13 जुलाई को सीकर के रणमल सिंह किसान ओडिटोरियम में हुई मीटिंग, 25 जुलाई को सीकर शहर में निकाली गई आक्रोश रैली व जिला कलेक्ट्रेट के सामने हुई जनसभा, 10 अगस्त को कृषि मण्डी में आयोजित की गई आमसभा, 20 अगस्त को सीकर बन्द सहित आन्दोलन के हर पहलू पर विस्तार से विचार विमर्श कर आन्दोलन की आगामी रणनीति तय की गई।
मीटिंग में निर्णय किया गया कि जब तक मास्टर प्लान 2041 को रद्द करने के लिए राज्य सरकार की ओर से लिखित प्रस्ताव, नोटिफिकेशन/ऑर्डर जारी नहीं किया जाता तब तक मास्टर प्लान 2041 रद्द करो आन्दोलन जारी रहेगा | आन्दोलन की आगामी रणनीति के तहत प्रभावित गाँवों में किसानों व ग्रामीणों और सीकर शहर में व्यापारियों व नागरिकों से मिलकर उन्हें वस्तुस्थिति से अवगत कराया जाएगा तथा संघर्ष समिति से लोगों को जोड़ा जाएगा | 15 दिन बाद पुन: समीक्षा मीटिंग आयोजित की जाएगी। आगामी 29 सितम्बर को कृषि उपज मण्डी प्रांगण, सीकर में स्मार्ट मीटर योजना समाप्त करने, बिजली निजीकरण बन्द करने तथा सीकर मास्टर प्लान 2041 रद्द करने को लेकर आमसभा आयोजित की जाएगी।
इन्होने किये विचार व्यक्त
मीटिंग में पूर्व विधायक पेमाराम, शिवसिंंहपुरा के सरपंच महावीर प्रसाद सैनी, कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी) के राज्य सचिव किशन पारीक, किसान सभा के जिला सचिव सागर खाचरिया, सत्यजीत भींचर, किसान ट्रैक्टर यूनियन के संरक्षक एडवोकेट महावीर सिंह जांगू, भागीरथमल खीचड़, भंवरलाल रामपुरा, हरफूूल सिंह खीचड़, जिला उद्योग एवं व्यापार महासंघ के संगठन सलाहकार दिनेश सिंह जाखड़ आदि ने अपने विचार व सुझाव व्यक्त किए।
सरकार भ्रमित कर रही है
वक्ताओं ने कहा कि राजस्थान सरकार के स्वायत्त शासन मंत्री झाबर सिंंह खर्रा ने अपने बयानों में मास्टर प्लान 2041 की गड़बड़ियों को स्वीकार किया है लेकिन इसको रद्द करने की बात नहीं कही है | राज्य सरकार द्वारा भी सीकर मास्टर प्लान को रद्द करने के आशय का किसी प्रकार का कोई लिखित ओर्डर या नोटिफिकेशन भी अभी तक जारी नहीं किया गया है | इससे जाहिर है कि सीकर नगर परिषद और पंचायत चुनावों को देखते हुए यूडीएच मंत्री खर्रा ने अपने गृह जिले में राजनीतिक व चुनावी पासा फेंंककर जनता में भ्रम की स्थिति उत्पन्न करने की कोशिश की है और लोगों को भरमाने का ट्रेप बिछाया है | वक्ताओं ने कहा कि सीकर की जनता सरकार व मंत्री की सभी चालों व चालाकियों को अच्छी तरह समझती है और उनके चंगुल में आने वाली नहीं है | सीकर के लोग अपने हक और अधिकारों के लिए लड़ते और जीतते रहे हैं और आगामी समय में भी अन्याय के खिलाफ लड़ेंगे और जीतेंगे |
वक्ताओं ने कहा कि स्वायत्त शासन मंत्री खर्रा ने मास्टर प्लान 2047 बनाने तथा इसके लिए यूूआईटी द्वारा अनेकों नए गाँवों को शामिल करने का प्रस्ताव लिए जाने की बात कही है | वक्ताओं ने कहा कि ग्रामसभाओं की सहमति बिना गांवों को मास्टर प्लान में शामिल करना न्यायसंगत नहीं है |
मीटिंग में किसान सभा के शिवलाल महला, दिनेश कुमार बुरड़क, रामचंद्र दुगौली, मो. अय्यूब मिथुन, डालाराम रामपुरा, झाबरमल, ओमप्रकाश गोरा, कानाराम चन्दपुरा, व्यापार महासंघ के रविकान्त तिवाड़ी, जगदीश सेवदा, महिपाल बुरङक, दिनेश सेठी आदि मौजूद रहे।


