Rajasthan Police Recruitment: राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 ने एक बार फिर सुर्खियां बटोरी हैं। पेपर लीक और अनियमितताओं के आरोपों के बीच इस मामले की सुनवाई आज सुप्रीम कोर्ट में होने वाली है। यह सुनवाई राजस्थान हाईकोर्ट के उस आदेश के खिलाफ है, जिसने भर्ती रद्द करने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई थी। आइए जानते हैं इस मामले के प्रमुख पहलू।
सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई की अहमियत
आज सुप्रीम कोर्ट में राजस्थान पुलिस सब-इंस्पेक्टर भर्ती 2021 को लेकर महत्वपूर्ण सुनवाई होगी। जस्टिस संजय करोल और जस्टिस मनमोहन की बेंच इस पर विचार करेगी। यह सुनवाई उन याचिकाओं पर है जो राजस्थान हाईकोर्ट के 8 सितंबर 2025 के आदेश के खिलाफ दायर की गई हैं। हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच ने एकलपीठ के भर्ती रद्द करने के फैसले पर अंतरिम रोक लगाई थी। चयनित अभ्यर्थियों ने भी सुप्रीम कोर्ट में कैविएट डाल रखा है ताकि उनकी बात सुने बिना कोई निर्णय न लिया जाए।
पेपर लीक और अनियमितताओं का विवाद
एसआई भर्ती 2021 में पेपर लीक और अनियमितताओं के गंभीर आरोप लगे थे। इन आरोपों की जांच के लिए गठित एसआईटी की रिपोर्ट के आधार पर राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ ने 28 अगस्त 2025 को पूरी भर्ती प्रक्रिया को रद्द कर दिया था। कोर्ट ने राजस्थान लोक सेवा आयोग की कार्यप्रणाली पर सवाल उठाते हुए इसे जनहित याचिका के रूप में स्वतः संज्ञान लिया। इसके बाद चयनित अभ्यर्थियों ने हाईकोर्ट की डिवीजन बेंच में अपील दायर की, जिसने एकलपीठ के आदेश पर अंतरिम रोक लगा दी।
याचिकाकर्ताओं के तर्क और सुप्रीम कोर्ट की उम्मीदें
सुप्रीम कोर्ट में याचिकाकर्ताओं की ओर से अधिवक्ता ऋषभ संचेती पैरवी कर रहे हैं। उनका कहना है कि डिवीजन बेंच का फैसला चार मुख्य आधारों पर चुनौती के योग्य है। पहला, एसआईटी की रिपोर्ट की प्रामाणिकता पर सवाल। दूसरा, ट्रेनी सब-इंस्पेक्टरों की फील्ड ट्रेनिंग पर रोक का मामला। तीसरा, आरपीएससी की कार्यप्रणाली पर स्वतः संज्ञान लेने का मुद्दा। चौथा, एक खंडपीठ के आदेश पर दूसरी खंडपीठ द्वारा रोक लगाने की वैधानिकता पर सवाल।
सुप्रीम कोर्ट का निर्णय और भविष्य की दिशा
सुप्रीम कोर्ट के फैसले का सभी को बेसब्री से इंतजार है। चयनित अभ्यर्थियों की मेहनत और भविष्य इस पर निर्भर है, जबकि याचिकाकर्ता भर्ती को अवैध ठहराने की मांग कर रहे हैं। सुप्रीम कोर्ट की सुनवाई तय करेगी कि राजस्थान हाईकोर्ट की एकलपीठ का फैसला बहाल होगा या डिवीजन बेंच की अंतरिम रोक जारी रहेगी। यह सुनवाई न केवल अभ्यर्थियों के लिए बल्कि पूरी भर्ती प्रक्रिया के लिए महत्वपूर्ण साबित होगी।


