Rajasthan Politics: पंचायत चुनाव से पहले कैबिनेट विस्तार की चर्चा तेज, मिलेंगी राजनीतिक नियुक्तियां; इनको मिल सकता है मौका

Rahish Khan
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जयपुर। राजस्थान में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सुगबुगाहट शुरू हो गई है। प्रदेश में होने वाले निकाय और पंचायत चुनाव से पहले भजनलाल कैबिनेट का विस्तार हो सकता है। राजस्थान में अभी 24 मंत्री (12 कैबिनेट मंत्री, 9 राज्य मंत्री, 2 उप-मुख्यमंत्री और 1 मुख्यमंत्री) हैं। मंत्रिमंडल में छह पद खाली हैं। ऐसे में छह नए चेहरों को जगह दी जा सकती है।

सूत्रों के अनुसार भजनलाल कैबिनेट में से कुछ ऐसे मंत्रियों की छुट्टी भी की जा सकती है, जिनका प्रदर्शन सही नहीं है। इसके अलावा कुछ के विभागों में फेरबदल भी संभव है। बता दें कि लंबे समय से भजनलाल कैबिनेट का विस्तार टला हुआ है। लेकिन अब आगामी चुनावों से पहले जातीय और क्षेत्रीय समीकरण साधने के लिए कैबिनेट विस्तार जल्द संभव है।

दरअसल, राजस्थान में बीजेपी सरकार को बने 21 माह हो चुके हैं। अब मंत्रिमंडल विस्तार की चर्चा जोर पकड़ रही है। सूत्रों के अनुसार, मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा ने पिछले दिनों में कई बार दिल्ली का दौरा किया है।

इन दौरों में उन्होंने बीजेपी के शीर्ष नेताओं से मुलाकात की है। माना जा रहा है कि इन मुलाकातों में मंत्रिमंडल विस्तार और फेरबदल को लेकर अहम मंत्रणा हुई है। आलाकमान के साथ अंतिम चर्चा के बाद जल्द ही विस्तार की घोषणा हो सकती है।

प्रदेश सरकार के लिए यह चुनाव किसी परीक्षा से कम नहीं हैं, क्योंकि प्रदेश की भाजपा सरकार के कार्यकाल में ये पहले चुनाव होंगे। ऐसे में निकाय और पंचायत चुनाव भजनलाल सरकार के लिए बहुत अहम है।

शेखावाटी-आदिवासी क्षेत्र पर फोकस

पार्टी का सबसे अधिक फोकस शेखावाटी, आदिवासी क्षेत्र और पूर्वी राजस्थान पर है। यहां भाजपा को विधानसभा और लोकसभा दोनों ही चुनावों में झटका लगा है। इसके अलावा चुनावों से पहले भाजपा उन समुदायों को साधने की कोशिश करेगी जो खुद को उपेक्षित महसूस करते हैं।

गुजरात में भाजपा विधायकों की कार्यशाला में मौजूदा मंत्रियों का रिपोर्ट कार्ड पेश किया गया। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए प्रदेश भाजपा अध्यक्ष मदन राठौड़ ने कहा था कि परिवार के बड़े कभी पूरी तरह खुश नहीं होते। उनकी अपेक्षाएं अधिक होती हैं। मदन राठौड़ के इस बयान को संकेत माना जा रहा है कि कुछ मौजूदा मंत्रियों की छुट्टी हो सकती है और उन्हें संगठन में भेजा जा सकता है।

सूत्रों के अनुसार पार्टी आलाकमान ने मंत्रियों का प्रदर्शन आंकने के लिए कुछ पैरामीटर्स तय किए हुए हैं। इन पर आलाकमान की पूरी नजर है। मंडिमडल फेरबदल में इसको देखा जाएगा। यदि किसी की परफॉर्मेंस बहुत ज्यादा खराब हुई तो मंत्रिमंडल से हटाया भी जा सकता है।

अभी मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री

बता दें, राजस्थान विधानसभा में कुल 200 सीटें हैं, जिनमें से 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 30 मंत्री बनाए जा सकते हैं। वर्तमान में भजनलाल सरकार में मुख्यमंत्री सहित 24 मंत्री हैं। ऐसे में 6 नए मंत्रियों को शामिल करने की गुंजाइश है। बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष मदन राठौड़ ने हाल ही में संकेत दिए थे कि कुछ मंत्रियों को संगठन में जिम्मेदारी दी जा सकती है, लेकिन सूत्रों का कहना है कि मौजूदा मंत्रियों में से कुछ को हटाकर विस्तार किया जाएगा।

सभी गुटों को मिलेगा प्रतिनिधित्व

बीजेपी नेतृत्व इस मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर सतर्क रुख अपना रहा है। पार्टी चाहती है कि विस्तार में सभी गुटों को उचित प्रतिनिधित्व मिले। इसका उद्देश्य सरकार के शेष कार्यकाल में गुटबाजी को खत्म करना और एकजुट होकर प्रदेश के विकास के लिए काम करना है।

राजनीतिक नियुक्तियां भी होंगी

राज्य में अब तक 9 बोर्ड-आयोगों में नियुक्तियां हो चुकी है। देवनारायण बोर्ड, राजस्थान राज्य अनुसूचित जाति वित्त विकास आयोग, माटी कला बोर्ड, किसान आयोग, राज्य जीव जंतु कल्याण बोर्ड, धरोहर संरक्षण एवं प्रोन्नति प्राधिकरण, सैनिक कल्याण बोर्ड और राज्य वित्त आयोग में सरकार अध्यक्ष की नियुक्ति कर चुकी है। प्रदेश में वर्तमान में 60 से ज्यादा बोर्ड-आयोग अस्तित्व में हैं।

बता दें, पिछले कुछ महीनों में हुई राजनीतिक नियुक्तियों में भी इस संतुलन को देखा जा सकता है। सरकार ने संघ के करीबी माने जाने वाले पूर्व बीजेपी प्रदेशाध्यक्ष अरुण चतुर्वेदी को राज्य वित्त आयोग का चेयरमैन नियुक्त किया। वहीं, वसुंधरा राजे गुट के नेता और पूर्व प्रदेशाध्यक्ष अशोक परनामी को तिरंगा यात्रा और विभाजन विभीषिका अभियान का संयोजक बनाया गया है।

ये नेता नियुक्तियों की दौड़ में

जन अभाव अभियोग निराकरण समिति, हाउसिंग बोर्ड व आरटीडीसी अध्यक्ष, बीस सूत्री कार्यक्रम उपाध्यक्ष, महिला आयोग की अध्यक्ष सहित अन्य महत्वपूर्ण पदों पर नियुक्तियां होनी है। इन पदों के लिए पूर्व प्रदेश अध्यक्ष अशोक परनामी, सतीश पूनिया, पूर्व नेता प्रतिपक्ष राजेन्द्र राठौड़, पूर्व राज्यसभा सांसद नारायण पंचारिया, कांग्रेस से भाजपा में आए महेन्द्रजीत सिंह मालवीया, सुमन शर्मा, पूजा कपिल मिश्रा के नाम चर्चाओं में है। सतीश पूनिया का नाम राष्ट्रीय संगठन के लिए भी चल रहा है।

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