लोसल (सीकर)। कस्बे के कोलकाता प्रवासी भामाशाह राजेन्द्र प्रसाद पंसारी का रविवार शाम को भव्य नागरिक अभिनंदन समारोह आयोजित किया गया। कार्यक्रम लोसल स्थित शेखावाटी एजुकेशन ग्रुप के ऑडिटोरियम में चेयरमैन बी.एल. रणवां की अध्यक्षता में संपन्न हुआ।
इस अवसर पर कस्बे में संचालित विभिन्न शासकीय शिक्षण संस्थानों, सामाजिक संगठनों, समाजसेवियों एवं आम नागरिकों ने पंसारी को स्मृति चिन्ह, प्रशस्ति पत्र, मालाएं और साफा पहनाकर जोरदार सम्मान किया।
भामाशाह की जीवनी पर पुस्तक विमोचन
कार्यक्रम के दौरान युवा लेखक भरत शर्मा द्वारा भामाशाह आर.पी. पंसारी के जीवन पर लिखी गई पुस्तक का भी विमोचन किया गया। पुस्तक में पंसारी के जीवन संघर्ष, समाजसेवा और प्रेरणादायक योगदान को संकलित किया गया है।
देशभर की प्रतिष्ठित हस्तियों ने की शिरकत
इस गरिमामय समारोह में देशभर की जानी-मानी हस्तियों ने भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से:
- रूपा एंड कंपनी के मालिक कुंजबिहारी अग्रवाल
- दिल्ली के उद्योगपति शिवकुमार मालपाणी
- कोलकाता के केमिकल व्यवसायी शिवकुमार शर्राफ
- उद्योगपति मधुसूदन डालमिया, अरुण भुवालका,
- आदित्य बिड़ला ग्रुप के सीएफओ अरुण गर्ग
- चिकित्सक के.एस. झाझड़,
- कल्याण आरोग्य सदन सीकर के ट्रस्टी कांता प्रसाद मोर,
- समाजसेवी अनिल पोद्दार, सुंदर पंसारी समेत कई गणमान्यजन उपस्थित रहे।
कस्बे के गणमान्यजनों ने किया अभिनंदन
अतिथियों का स्वागत लोसल के पालिकाध्यक्ष प्रतिनिधि इस्माइल नागौरी, पूर्व पालिकाध्यक्ष गोविंदराम बिजारणियां, उपाध्यक्ष प्रतिनिधि मोहनलाल बाजियां, श्री मदन गौशाला अध्यक्ष महावीर पंसारी, गोपाल सिंह नरुका, दीनदयाल बाकोलिया, घासीराम भार्गव, महेश स्वामी, मूलचंद कालिका, गोविंद सैनी सहित अनेक गणमान्यजनों ने माला व साफा पहनाकर किया।
जन्मभूमि से जुड़ाव बना रहा
अतिथियों ने पंसारी के कार्यों की सराहना करते हुए कहा कि उन्होंने कोलकाता रहते हुए भी कभी अपनी जन्मभूमि लोसल को नहीं भुलाया। उन्होंने जो भी कमाया, उसे समाज और जनहित के कार्यों में लगाया, यही सच्चे भामाशाह की पहचान है।
प्रेरणादायक रहा पंसारी का संबोधन
कार्यक्रम के अंत में आर.पी. पंसारी ने अपने संवेदनशील और प्रेरणादायक उद्बोधन में बताया कि उन्होंने प्रारंभिक शिक्षा लोसल में, और उच्च शिक्षा नवलगढ़ में प्राप्त की, जहाँ वे गोल्ड मेडलिस्ट रहे और उन्हें राज्यपाल द्वारा सम्मानित भी किया गया। उन्होंने कहा कि कोलकाता में संघर्षपूर्ण जीवन जीने के बाद वे इस मुकाम पर पहुंचे कि अब लोगों की सेवा करना उनका उद्देश्य बन गया है।
उन्होंने युवाओं से आह्वान किया कि वे केवल डिग्री न लें, बल्कि एसी स्किल्स और संस्कार हासिल करें जिससे देश-दुनिया में क्षेत्र का नाम रोशन हो।