जगद्गुरु शंकराचार्य स्वामी श्री अविमुक्तेश्वरानंद सरस्वती ‘1008’ ने हाल ही में देश की मौजूदा राजनीतिक परिस्थितियों, वैश्विक परिप्रेक्ष्य और कुछ चर्चित मामलों पर खुलकर विचार रखे। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राजनीतिक पकड़ और विपक्षी चुनौतियों पर गहरा विश्लेषण प्रस्तुत किया।
“मोदी को चुनौती देना कोई आसान काम नहीं”
राष्ट्रीय राजनीति में राहुल गांधी की सक्रियता पर प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य ने कहा, “राहुल गांधी प्रयासरत हैं, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी को टक्कर देना आसान नहीं है। कई लोग कोशिश कर रहे हैं, लेकिन अब तक कोई भी उन्हें उनके स्थान से हिला नहीं सका है। वे जहां खड़े हैं, मजबूती से खड़े हैं।” उनका यह बयान स्पष्ट रूप से यह दर्शाता है कि मोदी की राजनीतिक पकड़ और जन समर्थन आज भी कायम है।
“दुनिया की राजनीति में मोदी की भूमिका बड़ी”
मोदी की वैश्विक पहचान पर बोलते हुए शंकराचार्य ने कहा कि यह गंभीर विश्लेषण का विषय है कि अंतरराष्ट्रीय राजनीति में प्रधानमंत्री मोदी कितनी बड़ी शक्ति बन चुके हैं। “हमने देखा है कि उनकी पार्टी में वही नियम चलते हैं जो वे तय करते हैं। उनकी नेतृत्व शैली इतनी प्रभावशाली है कि पूरा संगठन उनके निर्णयों को मानता है। पार्टी के भीतर उनकी ताकत निर्विवाद है।”
नोबेल की मांग पर बोले – “कम से कम ईमानदारी तो है”
जब उनसे आम आदमी पार्टी द्वारा अरविंद केजरीवाल के लिए नोबेल पुरस्कार की मांग को लेकर सवाल किया गया, तो शंकराचार्य ने बेहद संतुलित प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, “कम से कम उसने ईमानदारी से अपनी बात कही। आजकल अधिकतर लोग पर्दे के पीछे से काम करते हैं, लेकिन जिसने सामने आकर अपनी बात रखी, उसमें साहस है। हां, नोबेल पुरस्कार यूं ही नहीं मिलते – उनके लिए आवेदन, सिफारिशें और सरकार स्तर पर प्रयास करने होते हैं।”