Heavy Rain Rajasthan: राजस्थान इन दिनों मूसलधार बारिश की चपेट में है। पिछले तीन दिनों से लगातार हो रही बरसात ने कोटा, बूंदी, सवाई माधोपुर, जयपुर और धौलपुर जैसे जिलों में हालात बिगाड़ दिए हैं। जयपुर में 24 घंटे से लगातार बरसात ने सड़कों को तालाब बना दिया है। कई मुख्य रास्ते पानी में डूब गए हैं और गाड़ियों का निकलना मुश्किल हो गया है।
शनिवार देर रात कोटा जिले के सुल्तानपुर इलाके में एक मकान गिरने से महिला की मौत हो गई। हाड़ौती क्षेत्र में हालात इतने खराब हैं कि कई जगहों पर बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। राहत कार्यों के लिए सेना और एनडीआरएफ-एसडीआरएफ की टीमें तैनात की गई हैं। वहीं उदयपुर के महाराणा भूपाल सिंह अस्पताल के एक हिस्से में भी शनिवार रात पानी घुस गया। धौलपुर में चंबल नदी खतरे के निशान से लगभग 8 मीटर ऊपर बह रही है, जिससे आसपास के गांवों में दहशत फैल गई है।
जयपुर में जलभराव और ट्रैफिक जाम
राजधानी जयपुर में बरसात ने नगर निगम की तैयारियों की पोल खोल दी है। जुलाई में हुई भारी बारिश से हुए नुकसान के बावजूद जिम्मेदार विभागों ने कोई ठोस कदम नहीं उठाया। शनिवार की बारिश के बाद शहर की सड़कों पर जगह-जगह गड्ढे और जलभराव देखने को मिला। पॉश कॉलोनियों तक में पानी घुस गया है। हीरापुरा, भांकरोटा और सीकर रोड समेत कई क्षेत्रों में घंटों तक ट्रैफिक जाम की स्थिति बनी रही।
मौसम विभाग ने बताई वजह
जयपुर मौसम केंद्र के निदेशक राधेश्याम शर्मा के मुताबिक, पिछले दो दिन से सक्रिय साइक्लोनिक सर्कुलेशन अब मध्य प्रदेश-राजस्थान से खिसककर उत्तर प्रदेश और पूर्वी राजस्थान के ऊपर पहुंच गया है। इसके साथ ही मानसून ट्रफ लाइन गंगानगर, चूरू, ग्वालियर, सतना और डालटनगंज से होते हुए बंगाल की खाड़ी तक जा रही है। इस सिस्टम की वजह से राजस्थान में लगातार तेज बारिश हो रही है।
अगले तीन दिन भारी पड़ सकते हैं
सीकर में 24 घंटे से लगातार बरसात हो रही है। नवलगढ़ रोड पर लगभग तीन फीट पानी भर गया है। राधाकिशनपुरा अंडरपास और अन्य निचले इलाकों में भी लोगों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। मौसम विभाग ने अगले तीन दिनों के लिए सीकर, झुंझुनू, कोटा, बूंदी और भीलवाड़ा जिलों में अति भारी बारिश का अलर्ट जारी किया है। वहीं जयपुर, दौसा, सवाई माधोपुर और टोंक जिलों में भी तेज बारिश की चेतावनी दी गई है।
कोटा, बूंदी और टोंक में हालात इतने बिगड़े हैं कि सेना को राहत कार्यों के लिए बुलाना पड़ा है। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें लगातार प्रभावित इलाकों में फंसे लोगों को सुरक्षित स्थानों पर पहुंचा रही हैं।


