Jeen Mata Mela 2025: जीण भवानी के महाष्टमी पर्व पर भक्तों का सैलाब उमड़ पड़ा। इस पावन अवसर पर एक लाख से अधिक श्रद्धालु माता के दरबार में पहुंचकर आशीर्वाद लेने आए। सुबह मंदिर को रंग-बिरंगे फूलों और सतरंगी पोशाक से सजाया गया, जिससे माहौल में भक्ति की महक फैल गई। महाआरती के दौरान सैकड़ों उपासकों ने विशेष पूजा-अर्चना की और माता को चूड़ा, चुनरी, बिन्दी और सौन्दर्य प्रसाधन अर्पित किए।
भव्य आयोजन और श्रद्धालुओं की भीड़
जीणधाम में महाष्टमी के अवसर पर धार्मिक उत्सव का विशेष आयोजन किया गया। मंदिर ट्रस्ट के राधेश्याम पुजारी और अन्य पुजारियों ने बताया कि नवरात्रा विसर्जन के साथ ही मेले का औपचारिक समापन बुधवार को होगा। हालांकि, पूर्णिमा तक भक्तों की भारी भीड़ की संभावना है। ग्राम पंचायत सरपंच सुभाष शेषमा ने बताया कि पेयजल व्यवस्था के लिए आसपास के गांवों से पानी के टेंकर मंगवाए गए हैं। मेले में आई भीड़ से दुकानदार भी प्रसन्न हैं क्योंकि उनकी बिक्री बढ़ी है।
सुरक्षा और प्रशासनिक व्यवस्था
मेला नियन्त्रण कक्ष प्रभारी कमलेश सैनी ने बताया कि प्रशासन ने मेले के दौरान 24 घंटे कार्यरत रहकर प्रभावी संचालन सुनिश्चित किया। सहायक मेला मजिस्ट्रेट महिपाल राजावत और पुलिस कर्मियों के सहयोग से शांति व्यवस्था बनाए रखी गई। पुलिस ने पार्किंग से लेकर मंदिर क्षेत्र तक विशेष सेवाएं दीं, जिससे दर्शन करने आए भक्तों को कोई असुविधा नहीं हुई।
परम्पराओं का निर्वाहन
भक्त मंदिर में दर्शन करने के बाद परम्परागत रस्में निभाते दिखे। चोथमल सैन ने बताया कि श्रद्धालु अपने बच्चों का मुण्डन संस्कार करवाते हैं, जो पहली बार मंदिर लाते हैं। कुछ भक्त प्रतीकात्मक बाल कटवाकर माता को अर्पित करते हैं। वहीं, विवाह के बाद गठजोड़े की जात लगाने भी भक्त आते हैं। महिलाएं मंगल गीत गाते हुए इस परम्परा को निभाती हैं। काजल शिखर मंदिर पर भी श्रद्धालुओं की भीड़ देखी गई, जहां रोपवे की सहायता से भक्त दर्शन कर मनौतियां मांगते रहे।
जीण भवानी का यह पर्व न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि सामाजिक एकजुटता का भी साक्षी है। भक्तों की आस्था और श्रद्धा ने इस आयोजन को सफल बनाया।


