Pandit Deendayal Upadhyay Scheme: राज्य और केंद्र सरकार की योजनाओं के माध्यम से गरीबी से जूझ रहे परिवारों के लिए एक नई पहल की जा रही है। इस योजना के तहत, बीपीएल परिवारों को आर्थिक मदद देकर आत्मनिर्भर बनाने का प्रयास किया जा रहा है। योजना का उद्देश्य है कि गरीबी रेखा से बाहर आए परिवारों को प्रोत्साहित किया जाए, ताकि वे समाज में एक बेहतर स्थान प्राप्त कर सकें।
योजना का उद्देश्य और लाभ
योजना का मुख्य उद्देश्य है बीपीएल परिवारों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाना। इसके लिए सरकार ने 300 करोड़ रुपए का प्रावधान किया है। पहले चरण में 5002 गांवों का चयन किया गया है, जहां 24,000 से अधिक गरीब परिवारों की पहचान की गई है। इस योजना के अंतर्गत बीपीएल परिवारों को स्वरोजगार के लिए 1 लाख रुपए तक की सहायता दी जाएगी, जो सीधे उनके बैंक खातों में ट्रांसफर की जाएगी।
आवेदन प्रक्रिया और सर्वेक्षण
योजना का लाभ पाने के लिए बीपीएल कार्ड होना अनिवार्य है। ग्रामीण विकास विभाग की टीम गांवों में जाकर सर्वे करेगी और बीपीएल कार्ड धारकों से जरूरी जानकारी प्राप्त करेगी। चयनित परिवारों को पटवारी और ग्रामसेवक द्वारा आगे की प्रक्रिया पूरी की जाएगी। आवेदन की प्रक्रिया सर्वे के दौरान ही पूरी की जाएगी, जिससे लाभार्थियों को समय पर सहायता मिल सके।
प्रोत्साहन राशि और आत्मनिर्भरता
गरीबी रेखा से बाहर आ चुके परिवारों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 21 हजार रुपए की प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इस राशि का हस्तांतरण डीबीटी के माध्यम से होगा। अब तक 17,891 परिवारों के बैंक खातों का सत्यापन किया जा चुका है। सरकार का लक्ष्य है कि 5 हजार गांवों को गरीबी से मुक्त किया जाए और इन परिवारों की आय में वृद्धि की जाए।
आगे की रणनीति और सरकार की दृष्टि
सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत का कहना है कि सरकार का उद्देश्य बीपीएल परिवारों को आत्मनिर्भर बनाना है। बजट में की गई घोषणाओं को पूरा करने के लिए सरकार प्रतिबद्ध है। मंत्री का मानना है कि इस योजना से न केवल परिवारों की आर्थिक स्थिति सुधरेगी, बल्कि समाज में उनके योगदान को भी बढ़ावा मिलेगा।


