Rajasthan Cough Syrup News 2025: खांसी सिरप विवाद से गरमाई सियासत, चिकित्सा मंत्री ने स्वास्थ्य सुधार पर क्या कहा?

Ass Pass Desk
By Ass Pass Desk - Sub Editor
3 Min Read

Rajasthan Cough Syrup News 2025: राजस्थान में हाल ही में एक खांसी की सिरप को लेकर विवाद ने स्वास्थ्य सेवाओं पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। इस विवाद ने राज्य की सरकार को अपनी प्रतिबद्धताओं पर पुनर्विचार करने के लिए मजबूर कर दिया है। चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस मामले पर खुलकर बात की और राज्य के स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार के लिए सरकार के प्रयासों को दोहराया।

स्वास्थ्य सेवाओं में सुधार की प्रतिबद्धता

राज्य के चिकित्सा मंत्री गजेंद्र सिंह खींवसर ने इस विवाद के बीच सरकार की स्वास्थ्य सेवाओं को बेहतर बनाने की प्रतिबद्धता को दोहराया। मुख्यमंत्री भजन लाल शर्मा के नेतृत्व में राज्य सरकार निरंतर स्वास्थ्य सेवाओं के उन्नयन के लिए प्रयासरत है। सरकार ने मुख्यमंत्री नि:शुल्क दवा योजना के तहत लाखों नागरिकों को मुफ्त दवाएं उपलब्ध कराई हैं, जिससे गरीब और जरूरतमंद लोगों को राहत मिली है। इस योजना के अंतर्गत, दवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए आरएमएससीएल द्वारा एक प्रणाली विकसित की गई है, जिसमें सभी दवाओं के बैचों का सैंपल लेकर जांच की जाती है। किसी भी कमी की स्थिति में तुरंत कार्रवाई की जाती है।

सिरप विवाद और त्वरित सरकारी प्रतिक्रिया

भरतपुर और सीकर में Dextromethorphan HBr Syrup के उपयोग के बाद मरीजों ने उल्टी, चक्कर और बेहोशी जैसी समस्याओं की शिकायत की। इस पर स्वास्थ्य विभाग ने तुरंत प्रभाव से प्रभावित बैचों के वितरण पर रोक लगा दी और नमूने जांच के लिए भेजे। जांच में यह स्पष्ट हुआ कि जिन बच्चों की मृत्यु हुई, उन्हें यह सिरप अस्पताल स्तर पर नहीं दी गई थी। इस मामले ने राज्य में स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता पर ध्यान केंद्रित किया है।

कंपनी पर कार्रवाई और भविष्य की दिशा

जांच में सामने आया कि सप्लाई करने वाली कंपनी कायसन फार्मा की कुछ दवाएं मानकों पर खरी नहीं उतरीं। इसके चलते सरकार ने कंपनी की सभी 19 दवाओं के वितरण पर रोक लगा दी है। साथ ही, 5 साल से छोटे बच्चों को यह दवा न देने की सलाह दी गई है। चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि मरीजों को सही परामर्श के बाद ही दवाएं दी जाएं। इस कदम का उद्देश्य दवा गुणवत्ता में सुधार लाना और भविष्य में ऐसी समस्याओं को रोकना है।

राजस्थान सरकार ने इस घटना के बाद स्वास्थ्य सेवाओं और दवा गुणवत्ता की निगरानी के लिए ठोस कदम उठाए हैं। इस घटना ने दवा गुणवत्ता सुनिश्चित करने की दिशा में राज्य की गंभीरता को उजागर किया है। सरकार ने यह स्पष्ट कर दिया है कि किसी भी लापरवाही को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। राज्य के नागरिक उम्मीद कर सकते हैं कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति नहीं होगी।

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