जीणमाता। चंद्र ग्रहण के कारण रविवार को जहां पूरे देश में दोपहर बाद सूतक कल होने से धार्मिक कार्य वर्जित रहे वही सीकर जिले का प्रख्यात शक्तिपीठ जीणधाम एक ऐसा मंदिर है जो सूतक में भी दर्शन के लिए खुला रहता है तथा यहां नियमित धार्मिक गतिविधियां चालू रहती है। चंद्र ग्रहण शुरू होने से ठीक पहले जीणमाता मंदिर में रोजाना की तरह संध्याकालीन आरती शुरू हुई जिसमें बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। उल्लेखनीय है कि जीणमाता मंदिर ही देश का एकमात्र मंदिर है, जहां ग्रहण की नकारात्मक शक्तियों का प्रभाव नहीं पड़ता है और यह मंदिर ग्रहण के दौरान भी दर्शन के लिए खुला रहता है तथा यहां ग्रहण के दौरान भी नियमित पूजा पाठ होते रहते हैं। हालांकि ग्रहण के दौरान यहां माता के भंडारे से लगाए जाने वाला मुख्य भोग अर्पित नहीं होता है। मुख्य बात का भोग ग्रहण के शुद्ध होने के पश्चात ही अर्पित होता है क्योंकि ग्रहण के दौरान अनेक भक्त प्रसाद नहीं लेते हैं।


