संसार में प्रेम से बढ कर कुछ नही हैः- बाल कथा वाचक कृष्णा किशोरी

Rahish Khan
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भगवान श्रीकृष्ण ने रचाया महारास,श्रद्धालुओं ने महारास में झूमते हुए किया भक्तिमय रसपान

फतेहपुर,कस्बे के जैन भवन परिसर में संत शिरोमणी रतिनाथ महाराज की पावन स्मृति एवं पितरों की आत्मा की शांति के लिए आयोजित श्रीमद् भागवत कथा ज्ञान यज्ञ के दौरान कथा वाचक कृष्णा किशोरी ने व्यास पीठ से वाचन करते हुए कहा कि संसार में प्रेम से बढ कर कुछ नही है। उन्होने व्यास पीठ से कहा कि श्रीकृष्ण ने अनेक बाल लीलाओं का मंचन करते हुए रास लीला और महारास लीला की महारास लीला में भगवान श्रीकृष्ण ने गोपियों के संग महारास लीला का मंचन कर सभी को संसार में प्रेम ही सब कुछ है का संदेश दिया। महारास लीला के दौरान उपस्थित श्रोताओं ने महारास लीला की भक्तिमय प्रस्तुति में झूमते हुए भक्तिरस में गोते लगाए। इस मौके पर कथा वाचक कृष्णा किशोरी ने गोवर्धन पर्वत की भी विस्तार से व्याख्या करते हुए कहा कि भगवान ने अपनी लीला करते हुए गोवर्धन पर्वत को सबसे छोटी अंगुली पर सात दिन तक धारण किए रहे। इस दौरान कथा वाचक ने रुकमणी एवं कृष्ण विवाह के प्रसंग पर भी विस्तार से व्याख्या करते हुए द्वारकाधीश और रुकमणी के विवाह के बारे में वाचन किया । इस मौके पर श्रीकृष्ण और रुकमणी के विवाह की संजीव झांकी सजायी गई जिसका कथा के मुख्य यजमान रविकान्त बियाणी एवं अनिता बियाणी ने रुकमणी एवं श्रीकृष्ण की संजीव झांकी की पूजा अर्चना की। आयोजित भागवत कथा का वाचन करते हुए व्यास पीठ से कृष्णा किशोरी ने कंस वध के प्रसंग भी विस्तार से सुनाया। इसके पहले श्रीकृष्ण वृद्वावन से मथुरा जाने की बात को कथा वाचक कृष्णा किशोरी ने बहुत ही मार्मिक से प्रसंगों की व्याख्या करते हुए मां और पुत्र का दो दिन के लिए भी विछोह का हो जाना कितना दुखदायी होता के तहत माता यशोदा और बृजवासियों की पीडा का बहुत ही सुन्दर प्रसंग सुनाए। इस अवसर पर कथा वाचक ने व्यास पीठ से कथा का वाचन करते हुए कहा कि प्रभु की सच्चे मन और समर्पित भावों के साथ प्राणी याद करता है और श्री नारायण की सेवा के भावों को आत्मसात कर सेवा की जाए तो प्रभु आवश्य भक्त की पुकार सुनकर आ जाते है। उन्होने उदाहरण देते हुए कहा कि नामदेव और विठुल ने भगवान से प्रेम रखा और प्रेम भावों के साथ स्मरण किया तो श्रीकृष्ण ने नामदेव विठुल का साक्षात दर्शन दिए। उन्होने व्यास पीठ से वाचन करते हुए कहा कि प्रभु को जिस भाव के साथ स्मरण कर आराधना की जाती है श्रीहरि उसी भावना के तहत प्राणी के नेत्रों में दर्शन आवश्य देते है। इस मौके पर संत रोशननाथ महाराज,संत गोपेशाचार्य महाराज,संत मुक्तिनाथ महाराज, रैवासा धाम के महन्त सुरेश व्यास सहित पूर्व पालिकाध्यक्ष मधु सुदन भिण्डा, रामवतार जैन,रवि जैन,पुरुषोतम आचार्य,एडवोकेट योगेश पाराशर,एडवोकेट जी.एल.निर्मल,मोहनलाल धानुका,पूर्व पालिका उपाध्यक्ष रक्षपाल पारीक,तोलाराम प्रजापत,अनूप बियालां,डां.निर्मल शर्मा,महेश व्यास,प्रदीप व्यास,प्रशांत व्यास,दो जांटी बालाजी धाम के दिनेश बोचीवाल,सोमनाथ नायक,विजय देवडा,काशी माली,कमल सैनी, मनोज पीपलवा आशु पुरोहित,प्रकाश मोदी,पं.राजेश शर्मा सहित अनेक श्रोता एवं मातृशक्ति उपस्थित रहे। आयोजन समिति की ओर से अतिथियों का व्यास पीठ से दुपट्टा ओढा कर सम्मानित किया गया।

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