Vijayadashami 2025: इस बार विजयदशमी का पर्व 2 अक्टूबर को धूमधाम से मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, अश्विन मास की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को विजयादशमी मनाई जाती है। इस वर्ष यह तिथि 1 अक्टूबर की शाम से शुरू होकर 2 अक्टूबर की शाम तक रहेगी, लेकिन मुख्य रूप से इसे 2 अक्टूबर को ही मनाया जाएगा।
दशहरा पूजन के शुभ मुहूर्त
ज्योतिषचार्य विभोर इंदूसुत के अनुसार, इस बार विजयदशमी पर दो विशेष पूजन मुहूर्त हैं। पहला मुहूर्त सुबह 10:40 से 11:30 के बीच है, जिसे चर चौघड़िया कहा जाता है। दूसरा शुभ मुहूर्त अभिजीत मुहूर्त है, जो 11:45 से 12:32 के बीच रहेगा। इन मुहूर्तों में पूजन करने से विशेष लाभ की प्राप्ति होगी। इसके अलावा, लाभ योग दोपहर 12:10 से 01:39 तक रहेगा, जो पूजन के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है।
रावण दहन का समय
दशमी तिथि की उपस्थिति में, रावण दहन का समय सूर्यास्त के बाद प्रदोषकाल में होता है। इस बार 2 अक्टूबर को सूर्यास्त शाम 6 बजकर 3 मिनट पर होगा, जिसके बाद रावण दहन का शुभारंभ होगा। इस दिन दशमी तिथि शाम 7 बजकर 10 मिनट तक रहेगी, इसलिए रावण दहन का सही समय 6:03 से 7:10 के बीच है। ज्योतिषचार्य भारत ज्ञान भूषण का कहना है कि इस बार रावण दहन पर पंचक का प्रभाव नहीं होगा, क्योंकि पंचक अगले दिन 3 अक्टूबर से शुरू हो रहे हैं।
विशेष योग और महत्व
इस विजयदशमी पर सूर्योदनी दशमी तिथि सुकर्मा योग और उत्तराषाढ़ा नक्षत्र में भद्रा व पंचक मुक्त होगी। यह दिन जया, विजया और अपराजिता पूजन के लिए भी अत्यंत शुभ माना जा रहा है। इन खास योगों के कारण इस बार का दशहरा विशेष महत्व रखता है।
विजयदशमी का पर्व बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक है, और इस दिन का धार्मिक और सांस्कृतिक महत्व भी बेहद खास है। इस अवसर पर लोग रावण दहन कर प्रभु श्रीराम की विजय का उत्सव मनाते हैं, जो हर वर्ष समाज में सद्भाव और नैतिकता की स्थापना करता है।


